
क्या आपको पता है की नासा प्रमुख रोबर्ट लाइटफुट जूनियर खुद संस्कृति बोलने की प्रैक्टिस करते है, और वो संस्कृत भाषा को सीख रहे है, उन्होंने संस्कृत पर कहा था की ये दुनिया की सबसे स्पष्ट भाषा है, और मुझे समझ में नहीं आता की भारतीयों ने इसके महत्त्व को क्यों नहीं समझा और इसे छोड़ दिया
आपको बता दें की पहले भारतवर्ष में संस्कृत ही बोली जाती थी पर आज बहुत ही कम लोग संस्कृत बोल पाते है, संस्कृत बोलने वालो की संख्या भारत में मात्र कुछ हज़ार में है, आज हम आपको संस्कृत के बारे में कुछ जानकारियां दे रहे है जिस से आपको गर्व होगा
- संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी माना जाता है।
- संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक भाषा है।
- अरब लोगो की दखलंदाजी से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रीय भाषा थी।
- NASA के मुताबिक, संस्कृत धरती पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है।
- संस्कृत में दुनिया की किसी भी भाषा से ज्यादा शब्द है। वर्तमान में संस्कृत के शब्दकोष में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्द है।
- संस्कृत किसी भी विषय के लिए एक अद्भुत खजाना है। जैसे हाथी के लिए ही संस्कृत में 100 से ज्यादा शब्द है।
- NASA के पास संस्कृत में ताड़पत्रो पर लिखी 60,000 पांडुलिपियां है जिन पर नासा रिसर्च कर रहा है।
संस्कृत इतनी समृद्ध भाषा है की नासा के वैज्ञानिक भी इसका अध्यन करते है, उनका कहना होता है की संस्कृत भाषा में विज्ञान को और सरलता से समझा जा सकता है क्यूनि ये दुनिया की सबसे स्पष्ट भाषा है